Thursday, April 9, 2009

सीखिए सी – 7 : सी प्रोग्राम की विशेषताएं – 5 और 8

सी में धनु कोष्ठकों ({ }) का महत्व

यदि आप प्रोग्राम 1 को देखें, तो आपको उसमें धनु कोष्ठकों ( { }) का प्रयोग हुआ मेलेगा। बायां धनु कोष्ठक चिह्न ( { ) तीसरी पंक्ति में आया है, और दायां धनु कोष्ठक चिह्न ( } ) प्रोग्राम की अंतिम पंक्ति में आया है।

सी एक स्ट्रक्चर्ड प्रोग्रामन भाषा है। वह इतनी शक्तिशाली और सुगठित प्रोग्रामन भाषा इसीलिए है, कि उसमें बहुत ही अनुशासित और व्यवस्थित ढंग से प्रोग्राम लिखे जाते हैं। कोड खंडों में रहते हैं, यानी एक प्रकार्य से जुड़ी कोड पंक्तियों को एक समुच्चय के रूप में रखा जाता है। संकलक के लिए इन कोड खंडों को पहचानना आसान बनाने के लिए कोड में उन्हें धनु कोष्ठकों से घेरा जाता है। सी में आप धनु कोष्ठकों को बारबार देखेंगे। टिप्पणी सूचक चिह्न (/* और */) के समान ये भी दुहरे चिह्न हैं, यानी कोड खंड के शुरू में बायां धनु कोष्ठक चिह्न रहता है, और अंत में दायां धनु कोष्ठक चिह्न। इनमें से किसी एक को छोड़ देने को संकलक बर्दाश्त नहीं करता है, और ऐसा करने पर वह बुरी तरह बौखला उठता है।

हर सी प्रोग्राम भी कोड का एक सुगठिक खंड होता है, भले ही उसमें कितनी ही पंक्तियां क्यों न हों, और वह कितने ही फंक्शनों का आह्वान करता हो। इस कोड खंड को धनु कोष्ठों से घेरा जाता है। यानी प्रोग्राम के शुरू में बायां धनु कोष्ठक रहेगा और प्रोग्राम के अंत में दायां धनु कोष्ठक रहेगा।

इन दोनों धनु कोष्ठकों के भीतर कई और कोड खंड भी हो सकते हैं, और प्रत्येक कोड़ खंड को धनु कोष्ठकों से घेरना जरूरी है। इसलिए एक लंबे सी प्रोग्राम में आपको कई धनु कोष्ठक चिह्न देखने को मिलेंगे। ध्यान में रखने की बात यही है कि इन कोष्ठक चिह्नों का सही तरह से प्रयोग किया गया हो। यदि बायां धनु कोष्ठक चिह्न आया हो तो उसका जोड़ीदार दायां कोष्ठक चिह्न भी सही जगह पर डालना होगा, अन्यथा आपका प्रोग्राम ठीक तरह से काम नहीं करेगा।

सी में वाइट स्पेस (वाइट स्पेस उन कुंजियों को कहते हैं, जो दो वर्णों के बीच रिक्त स्थान पैदा करते हैं, जैसे स्पेसबार कुंजी, टैब कुंजी या ऐंटर कुंजी) का कोई महत्व नहीं होता है। इसलिए प्रोग्राम 1 को आप इनमें से किसी भी तरह से लिख सकते हैं:-

1.

/*Namaskar shabd ko screen par chapnewala program*/


#include <'studio.h>
void main (){
printf("Namaskar.");
}

2.
#include <'studio.h>

void main (){printf("Namaskar.");
}

3.
#include <'studio.h>

void main (){printf("Namaskar.");}

सी संकलक की दृष्टि से ये सब वाजिब सी प्रोग्राम हैं, और वह इन सबको बिना शिकायत किए संकलित कर देगा।

पर हमारी सुविधा के लिए प्रोग्राम को अधिक व्यवस्थिति ढंग से लिखना बेहतर रहेगा। नहीं तो बड़े सी प्रोग्रामों में जिनमें बीसियों पंक्तियां और दर्जनों धनुकोष्ठक हो सकते हैं, आप चक्कर में पड़ जाएंगे कि कौन सा कोड खंड कहां खत्म हो रहा है।
इसलिए सी प्रोग्रामन सिखानेवाले अधिकांश पुस्तकों में नौसिखियों को सबसे पहली सलाह यही दी जाती है कि कोड व्यवस्थित ढंग से लिखें। अधिकांश पुस्तकों में बाएं धनु कोष्ठक चिह्न को अलग पंक्ति में अथवा फंक्शन नाम के ठीक आगे, और दाएं धनु कोष्ठक चिह्न को कोड खंड के अंत में अलग पंक्ति में लिखने की सलाह दी जाती है।

यहां इसे प्रोग्राम 1 का उदाहरण लेकर समझाया गया है।

प्रोग्राम लिखने की रीति 1
#include <'studio.h>

void main (){
printf("Namaskar.");
}

प्रोग्राम लिखने की रीति 2
#include <'studio.h>

void main ()
{
printf("Namaskar.");

}

इस तरह लिखने से धनु कोष्ठक कहां हैं यह तुरंत पता चल जाता है, और उनके बीच स्थित कोड खंड का स्वरूप भी स्पष्ट नजर आता है। इससे कोड में विद्यमान गलतियों को पकड़ना आसान हो जाता है। और यदि धनु कोष्ठक चिह्नों में से कोई एक नदारद हो, तो वह भी तुरंत पता चल जाता है।

अपने कोड लेखन में इन दो रीतियों में से किसी एक का सदा पालन करें।

इस ट्यूटोरियल में दूसरी रीति का पालन किया गया है।

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